विपक्ष को चुनौती, सरकार पर हमला…SC-ST क्रीमी लेयर पर मायावती ने क्या-क्या बोला?

सुप्रीम कोर्ट के सब कैटेगरी और क्रीमी लेयर की अपनी बात रखते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, उन्होंने इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में सरकार की पैरवी पर भी सवाल उठाए हैं. मायावती ने कहा कि SC और ST के चालीस करोड़ लोग सरकार के रूख से ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

मायावती ने संविधान संशोधन बिल की बात करते हुए कहा कि मैंने सरकार से अपील की थी कि संसद के इसी सत्र में संविधान संशोधन बिल लाया जाए , लेकिन सरकार ने कोई बिल नहीं लाया और संसद अचानक स्थगित कर दी गई. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सब कैटेगरी और क्रीमी लेयर का बात कह कर दलितों के खिलाफ की बात कही है. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बीजेपी के कई दलित सांसद की मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हुई थी, इस दौरान पीएम ने भरोसा दिलाया था कि रिजर्वेशन की व्यवस्था से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, लेकिन सरकार की तरफ सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी नहीं की गई.

सांसदों और विधायकों को होना होगा एकजुट
मायावती ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार क्रीमी लेयर और कोटे के अंदर कोटे के बहाने हमारा आरक्षण खत्म करना चाहती है, पीएम लोगों को भ्रमित कर रहे हैं उन्होंने अभी तक इस मामले में कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कई बार आरक्षण खत्म करने की कोशिशें की है, ये समाज अभी भी सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकारें अपने हिसाब से रिजर्वेशन दे सकती हैं, जिसके बाद दलितों का रिजर्वेशन खत्म हो सकता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में झगड़ा हो सकता है, जिससे बचने के लिए हमारे समाज के सभी सांसदों और विधायकों को एकजुट होना होगा.

कब तक चलेगी विपक्ष की दोगली नीति- मायावती
मायावती ने बताया कि दलितों के लिए आरक्षित पद सालों तक खाली रखें जाते हैं और फिर उन पर सामान्य लोगों को रख लिया जाता है और जैसा कॉन्ट्रैक्ट पर अब नौकरी दी जा रही है और इसमें रिजर्वेशन लागू ही नहीं होता है. रिजर्वेशन की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी एससी और एसटी लोगों को आरक्षण मिले. उन्होंने बाकी पार्टियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस अब तक चुप क्यों है, कांग्रेस की सरकार ने अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं की है और बात रही आम आदमी पार्टी की तो उनकी तरफ से भी कोई क्लारिफिकेशन नहीं आया है और प्रमोशन में आरक्षण आप सबने समाजवादी पार्टी का रुख देख लिया है.

पीएम के सिर्फ आश्वासन देने से काम नहीं चलेगा
उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों को अब इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाहिए, क्योंकि अब तक तो सभी संविधान और आरक्षण बचाने की बात कर रही थीं पर अब सभी पार्टियों ने चुप्पी साध ली है, मायावती ने कहा कि ये दोगली नीति कब तक चलेगी. पीएम पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पीएम के सिर्फ आश्वासन देने से काम नहीं चलेगा, ये जो संसद स्थगित हुई उससे पहले संविधान संशोधन बिल पार्लियामेंट में पास कराना चाहिए था और तुरंत हाउस बुलाना चाहिए था. मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि राष्ट्रीय स्तर पर जातिगत जनगणना करवाये, जिन राज्यों में चुनाव होने हैं वहां दलित इन्हें सबक सिखाएंगे. अपना सवाल उठाते हुए उन्होंने सभी पार्टियों पर निशाना साधा और कहा कि ये जो संविधान लेकर घूमते थे अब क्या हो गया है.

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